तुम आ जाओ मेरी कलम की स्याही बनकर,
मैं तुम्हें अपनी ज़िन्दगी के हर पन्ने में उतार दूँ..
मैं तुम्हें अपनी ज़िन्दगी के हर पन्ने में उतार दूँ..
कभी साथ बैठो तो कहूँ, क्या दर्द हैं मेरा,
अब तुम दूर से पूछोगे, तो खैरियत ही कहूँगा..
अब तुम दूर से पूछोगे, तो खैरियत ही कहूँगा..
वो आज करते है नजर अंदाज तो बुरा क्या मानू,
टूट कर पागलो की तरह मोहब्बत भी तो सिर्फ मैंने की थी..
टूट कर पागलो की तरह मोहब्बत भी तो सिर्फ मैंने की थी..
रोती रही वो अपनी ख्वाइशें जला कर एे खुदा,
बस एक परींदा ही था, जो जल कर अपनी आहुती दे गया..
बस एक परींदा ही था, जो जल कर अपनी आहुती दे गया..
क्या लिखूँ दिल की हकीकत आरज़ू बेहोश है,
ख़त पर हैं आँसू गिरे और कलम खामोश है..
ख़त पर हैं आँसू गिरे और कलम खामोश है..
किसी को धोखा देकर ये मत सोचो की वो कितना बेवकूफ है,
ये सोचो की उसे तुम पर कितना भरोसा था..
ये सोचो की उसे तुम पर कितना भरोसा था..
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