हर रिश्ते में नूर बरसेगा ,
बस सर्त इतनी सी हे की ,
रिस्तो में शरारत करों शाजिस नही ।
बस सर्त इतनी सी हे की ,
रिस्तो में शरारत करों शाजिस नही ।
………………………………………………………
हर पल की दोस्ती का इरादा है आपसे
अपनापन ही कुछ ज़्यादा है आपसे
ना सोचेंगे सिर्फ़ उमर भर के लिए
कयामत तक साथ निभाएँगे ये वादा है आपसे…
अपनापन ही कुछ ज़्यादा है आपसे
ना सोचेंगे सिर्फ़ उमर भर के लिए
कयामत तक साथ निभाएँगे ये वादा है आपसे…
……………………………………………………
किसने कहा, मेरे दिल में मेहमान बन के
आया कर ऐ-दोस्त,
ये तेरी सल्तनत है, जब भी आए, सुलतान बन
के आया कर…
आया कर ऐ-दोस्त,
ये तेरी सल्तनत है, जब भी आए, सुलतान बन
के आया कर…
…………………………………………………….
बने चाहे दुश्मन जमाना हमारा ,
सलामत रहे दोस्ताना हमारा ।
सलामत रहे दोस्ताना हमारा ।
……………………………………………………
तलास हे एक ऐसे सख्स की,
जो आँखों में उस वक्त दर्द देख ले;
जब दुनिया हमसे कहती हे ,
‘ क्या यार तुम मुस्कुराते बहुत हो !
जो आँखों में उस वक्त दर्द देख ले;
जब दुनिया हमसे कहती हे ,
‘ क्या यार तुम मुस्कुराते बहुत हो !
……………………………………………………
कुछ खोये बिना हमने पाया है,
कुछ मांगे बिना हमें मिला है,
नाज़ है हमें अपनी तक़दीर पर
जिसने आप जैसे दोस्त से मिलाया है।
कुछ मांगे बिना हमें मिला है,
नाज़ है हमें अपनी तक़दीर पर
जिसने आप जैसे दोस्त से मिलाया है।
……………………………………………………
बिकता है गम इश्क के बाज़ार में,
लाखों दर्द छुपे होते हैं.
एक छोटे से इंकार में,
हो जाओ अगर ज़माने से दुखी,
तो स्वागत है हमारी दोस्ती के दरबार में।
लाखों दर्द छुपे होते हैं.
एक छोटे से इंकार में,
हो जाओ अगर ज़माने से दुखी,
तो स्वागत है हमारी दोस्ती के दरबार में।
……………………………………………………..
इश्क के सहारे जिया नहीं करते,
गम के प्यालों को पिया नहीं करते,
कुछ नवाब दोस्त हैं हमारे,
जिनको परेशान न करो तो वो याद ही किया नहीं करते।
गम के प्यालों को पिया नहीं करते,
कुछ नवाब दोस्त हैं हमारे,
जिनको परेशान न करो तो वो याद ही किया नहीं करते।
………………………………………………………….
मुस्कुराना तो मेरी सक्सियत का एक हिस्सा हे ऐ दोस्त ,
तुम मुझे खुश समजकर दुआओं में भूल मत जाना ।
तुम मुझे खुश समजकर दुआओं में भूल मत जाना ।
………………………………………………………….
दोस्त दोस्त से खफा नहीं होता,
प्यार प्यार से जुदा नहीं होता,
भुला देना मेरी कुछ कमियों को,
क्यूंकि इंसान कभी खुदा नहीं होता |
प्यार प्यार से जुदा नहीं होता,
भुला देना मेरी कुछ कमियों को,
क्यूंकि इंसान कभी खुदा नहीं होता |
………………………………………………………….
हम ना बदलेंगे वक्त की रफ़्तार के साथ ,
हम जब भी मिलेंगे अंदाज पुराना होगा
हम जब भी मिलेंगे अंदाज पुराना होगा
…………………………………………………………..
मेरी झोली में कुछ अलफ़ाज़ अपनी दुआओ के डाल देना,
ऐ दोस्त; क्या पता,
तेरे लब हिलें और मेरी तकदीर सवर जाये!
…………………………………………………………..
अगर मिलती मुझे एक दिन की बादशाही..
तो ऐ दोस्तों…
मेरी रियासत में तुम्हारी तस्वीर के सिक्के चलते…
………………………………………………………….
अपनी दोस्ती का बस इतना सा असूल है…
ज़ब आप कुबूल है तो आपका सब कुछ कुबूल है..
ज़ब आप कुबूल है तो आपका सब कुछ कुबूल है..
………………………………………………………….
कुछ तो बात है तेरी फितरत में ऐ दोस्त;
वरना तुझ को याद करने की खता हम बार-बार न करते!
वरना तुझ को याद करने की खता हम बार-बार न करते!
………………………………………………………….
कितनी छोटी सी दुनिया है मेरी,
एक मै हूँ और एक दोस्ती तेरी…
एक मै हूँ और एक दोस्ती तेरी…
………………………………………………………………..
तकदीर लिखने वाले ….,
एक एहसान लिख दे मेरे दोस्त की तकदीर में मुस्कान लिख दे
ना मिले जिंदगी में कभी भी दर्द उसको
चाहे उसकी किस्मत में मेरी जान लिख दे
एक एहसान लिख दे मेरे दोस्त की तकदीर में मुस्कान लिख दे
ना मिले जिंदगी में कभी भी दर्द उसको
चाहे उसकी किस्मत में मेरी जान लिख दे
0 comments:
Post a Comment