1. ऐ समन्दर मैं तुझसे वाकिफ हूं मगर इतना बताता हूं,
वो आंखें तुझसे ज्यादा गहरी हैं जिनका मैं आशिक हूं..
वो आंखें तुझसे ज्यादा गहरी हैं जिनका मैं आशिक हूं..
2. तारीफ़ अपने आप की, करना फ़िज़ूल है,
ख़ुशबू तो ख़ुद ही बता देती है, कौन सा फ़ूल है..
ख़ुशबू तो ख़ुद ही बता देती है, कौन सा फ़ूल है..
3. इश्क़ जिस्म से नही रूह से किया जाता है,
जिस्म तो एक लिबास है, ये हर जनम बदल जाता है..
जिस्म तो एक लिबास है, ये हर जनम बदल जाता है..
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