image of Khamoshi Shayari in Hindi |
फिक्र तब होती है,
जब खामोशी भी बोलना छोड़ दें
तेरी ख़ामोशी, अगर तेरी मज़बूरी है,
तो रेहने दे इश्क़ कोन सा जरुरी है.
चलो अब जाने भी दो,
क्या करोगे दास्ताँ सुनकर!!
ख़ामोशी तुम समझोगे नहीं,
और बयाँ हम से होगा नहीं…
तू मुझ में पहले भी थी,
तू मुझ में अब भी है…
पहले मेरे लफ़्जों में थी,
अब मेरी खामोशियों में है..
वो दर्द ही क्या जो आँखों से बह जाए!
वो खुशी ही क्या जो होठों पर रह जाए!
कभी तो समझो मेरी खामोशी को!
वो बात ही क्या जो लफ्ज़ आसानी से कह जायें!
Wo Dard Hi Kya Jo Aankhon Se Beh Jaye,
Wo Khushi Hi Kya Jo Hoton Par Reh Jaye,
Kabhi To Samjho Meri Khamoshi Ko,
Wo Baat Hi Kya Jo Lafz Aasani Se Keh Jaye.
Boy Sad Hurt Touching Hindi Shayari
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